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भरोसे के लायक नहीं है रामदेव: कपिल सिब्बल

५ जून २०११

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्ब्ल ने बाबा रामदेव के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को उचित ठहराया. कहा जब सरकार के साथ उनका समझौता हो गया था तो अनशन क्यों जारी रखा. बचाव की मुद्रा में आई कांग्रेस.

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Indian Minister for Science and Technology and Earth Sciences Kapil Sibal briefs the media on the status of the National Early Warning System for Tsunami and Storm Surges in the Indian Ocean, in New Delhi, India, Tuesday, Dec. 26, 2006. The system is targeted to be operational by September 2007 at a cost of Rs. 125 crore ( US $ 27.17 million). (AP Photo/Mustafa Quraishi)
तस्वीर: AP

मीडिया से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि बाबा रामदेव दोहरे चरित्र के व्यक्ति हैं. वह सरकार के सामने अपना एक रूप दिखाते हैं और समर्थकों के सामने दूसरा. सिब्बल ने कहा कि बाबा रामदेव के साथ सरकार समझौता कर चुकी थी, जिसके तहत उन्हें शनिवार शाम तक भूख हड़ताल खत्म करनी थी. बाबा पर गुस्सा उतारते हुए सिब्बल ने कहा कि भूख हड़ताल खत्म करना तो बहुत दूर की बात, बाबा ने तो अपने समर्थकों के आगे इस बात की घोषणा भी नहीं की कि उनका सरकार के साथ समझौता हो गया है.

सिब्बल ने कहा, "उन्होंने हमें भरोसा दिलाया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कोई घोषणा नहीं की. हम उनसे लगातार फोन के द्वारा संपर्क में थे. हमने शाम पांच बजे तक इंतजार किया. जब उन्होंने कोई बयान नहीं दिया तो हमने प्रेस के पास जाने का फैसला किया. हमने उन्हें यह बात बताई भी थी." सिब्बल ने कहा कि यदि बाबा अपनी बात से पीछे हट सकते हैं तो उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता.

Indian police officers remove protesters from the site where renowned yoga guru Baba Ramdev was holding a hunger strike in New Delhi, early Sunday, June 5, 2011. Police officers swooped down Sunday on the venue of the hunger strike by the charismatic Indian yoga guru and forcibly removed him and thousands of his supporters. (AP Photo)
तस्वीर: AP

"आरएसएस से मिले हैं बाबा रामदेव"

साध्वी ऋतंभरा की बाबा रामदेव के शिविर में उपस्थिति पर निशाना साधते हुए सिब्बल ने कहा कि यह आरएसएस की सोची समझी चाल है और बाबा रामदेव आरएसएस के साथ मिलकर लोगों को भड़काने के लिए ऐसा कर रहे हैं. सिब्बल ने कहा कि सरकार ने बाबा रामदेव को 5,000 लोगों के लिए योग शिविर लगाने के लिए जगह दी थी, लेकिन बाबा वहां 50,000 लोगों के साथ अनशन पर बैठ गए. सिब्बल ने पत्रकारों से कहा, "वह कोई योग शिविर नहीं बल्कि राजनीतिक शिविर था. हमें दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना पड़ा." जब सिब्बल से यह पूछा गया कि क्या सरकार ने इसकी अनुमति दी थी तो उन्होंने कहा, "यकीनन. सौ प्रतिशत. ऐसा कोई भी कदम सरकार और पार्टी की पूरी सहमति के बिना नहीं उठाया जाता."

रिपोर्ट: पीटीआई/ईशा भाटिया

संपादन: ओ सिंह

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