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बर्लिनाले में बॉलीवुड का हिटलर

१७ फ़रवरी २०११

बर्लिनाले फिल्म समारोह में भारतीय फिल्मों की धूम छाई हुई है. कुछ फिल्में अपने साथ विवाद भी ले कर आईं हैं. दूसरे विश्व युद्ध और भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन पर बनी फिल्म 'डियर फ्रेंड हिटलर' के ट्रेलर यहां दिखाए गए.

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तस्वीर: AP

जर्मनी में जहां हिटलर की जीवनी बेचे जाने पर रोक है और जहां लोग हिटलर के बारे में बात करना भी पसंद नहीं करते, वहीं राजधानी बर्लिन में ऐसी फिल्म का ट्रेलर दिखाया गया जिसमें हिटलर को 'दोस्त' कहा गया है और उसकी अच्छी छवि पेश करने की कोशिश की गई है.

दस मिनट तक दिखाए गए फिल्म के दृश्य इस से पहले हिटलर पर बनी 2004 की ऑस्कर नामित फिल्म 'डाउनफॉल' से मेल खाते दिखे.

फिल्म में रघुबीर यादव हिटलर का किरदार निभा रहे हैं और मिस इंडिया रह चुकी नेहा धूपिया उनकी पत्नी एफा ब्राउन का. हिटलर ने 1945 में खुदकुशी करने से कुछ ही घंटे पहले एफा ब्राउन से शादी की थी जो उनसे 23 वर्ष छोटी थी. हिटलर के किरदार के लिए पहले अनुपम खेर को लिया गया था, लेकिन विवादास्पद मुद्दे के चलते उन्होंने फिल्म छोड़ दी. इस बारे में उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "कई बार भावनाएं सिनेमा से ज्यादा महत्व रखती हैं." फिल्म निर्माता अनिल शर्मा ने कहा कि अनुपम खेर फिल्म को ठीक तरह से समझ नहीं पाए.

Film über Untergang des NS-Regimes mit Bruno Ganz als Hitler
फिल्म डाउनफॉल में हिटलर बने ब्रुनो गान्सतस्वीर: dpa

गांधी से तुलना

हिटलर पर पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन भारतीय सिनेमा में पहली बार जर्मनी के शासक पर कोई फिल्म बनी है. फिल्म पहले से ही विवादों में घिरी है. कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन की जानी-मानी फिल्म विश्लेषक एलेक्स वान तुंजेलमान ने लंदन के प्रमुख समाचारपत्र 'गार्डियन' में बॉलीवुड में बन रही इस फिल्म को इतिहास को गलत साबित करने वाला बताया. भारत में भी यहूदियों ने इस फिल्म को लेकर नाराजगी जताई है.

लेकिन फिल्म निर्माता अनिल शर्मा ने इन आलोचनाओं से इनकार करते हुए कहा, "हम किसी किरदार का गुणगान नहीं कर रहे हैं. हम तो केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उस अध्याय को दिखाना चाह रहे हैं जो कहीं खो गया है." फिल्म के नाम से लोगों में जिज्ञासा तो बन ही गई है. अनिल शर्मा मानते हैं कि इस से उन्हें खास तौर से जर्मनी में फिल्म की मार्किटिंग में मदद मिल रही है, "हमने बस हाल ही में फिल्म पूरी की है और अब हम इसकी पहली झलकियां दिखाने के लिए इसे यहां ले आए हैं. हमारी यहां कई लोगों से बात चल रही है और फिल्म के नाम के चलते खरीददारों ने इसमें खास रुची भी दिखाई है."

फिल्म में हिटलर के शासनकाल की तुलना में भारत में महात्मा गांधी के अहिंसा आन्दोलन को दिखाया गया है. पटकथा लेखक नलिन रंजन का कहना है कि यह फिल्म उतनी हिटलर के बारे में नहीं है जितनी गांधी के आदर्शों और द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत के बारे में. नलिन फिल्म में हिटलर के मंत्री योसेफ गोएबल्स का किरदार निभा रहे हैं. नलिन ने बताया कि फिल्म जल्द ही हिंदी, अंगरेजी, फ्रेंच, जर्मन, अरबी, तमिल और बंगाली में रिलीज की जाएगी.

फिलहाल फिल्म समारोह में हॉलीवुड और यूरोपीय फिल्म निर्माताओं पर फिल्म ने बहुत अच्छी छाप नहीं छोड़ी है और उन्हें डर है कि यह फिल्म नाजी शासन और यहूदियों पर हुए जुल्म को ठीक तरह से दिखाने में असमर्थ रहेगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: एस गौड़

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