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अयोध्या को लेकर डरे डरे हैं सब

१७ सितम्बर २०१०

अयोध्या मुद्दे पर हाई कोर्ट के फैसले की तारीख जैसे जैसे करीब आ रही, माहौल गर्माता जा रहा है. दोनों समुदायों के धार्मिक नेता शांति की अपील कर रहे हैं. अदालत में अपने फैसले को टालने के बारे में दायर याचिका पर आज सुनवाई.

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तस्वीर: dpa - Bildarchiv

इलाहाबाद हाई कोर्ट को अपना फैसला टालने के बारे में तीन याचिका प्राप्त हुई हैं जिनमें कानून व्यवस्था से जुड़ी दिक्कतों और कॉमनवेल्थ खेलों का हवाला दिया गया है. वैसे बाबरी मस्जिद पर इस अदालती फैसले का 16 साल से इंतजार हो रहा है. अदालत को तय करना है कि इस जगह पर किसका अधिकार है. अदालत के फैसले की तारीख करीब आते देख सरकार से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं.

उधर शिया धार्मिक नेता मौलाना कल्बे जव्वाद, ईदगाह के नायब इमाम और ऑल मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली समेत कई धार्मिक नेताओं ने अदालत के फैसले का सम्मान और शांति बनाए रखने की अपील की है. दारुल उलूम देवबंद से भी इसी तरह की अपील जारी की गई है.

फिरंगीमहली ने पीटीआई को बताया, "अमन सबसे जरूरी है. हमने यह बात मुसलमानों को बता दी है. साथ ही हम अपील करते हैं कि सौहार्द को बनाए रखा जाए ताकि स्वार्थी तत्व इस स्थिति का फायदा न उठा सकें." कल्बे जव्वाद ने भी मुसलमानों को ऐसे राजनेताओं से खबरदार रहने को कहा है जो अपने मकसद के लिए उनका फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

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