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जर्मन राजनीति के दिग्गजों में शामिल रहे शॉएब्ले का निधन

२७ दिसम्बर २०२३

दुनिया भर में जर्मन राजनीति के कुछ सबसे जाने माने चेहरों में से एक वोल्फगांग शॉएब्ले का 81 साल की उम्र में देहांत हो गया.

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लंबी और गंभीर बीमारी से गुजर रहे थे 81 वर्षीय वोल्फगांग शॉएब्ले
लंबी और गंभीर बीमारी से गुजर रहे थे 81 वर्षीय वोल्फगांग शॉएब्ले तस्वीर: Christian Thiel/imago

बीते 30 सालों से जर्मन राजनीति में खासे सक्रिय रहे कंजर्वेटिव क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता वोल्फगांग शॉएब्ले का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया. लंबी और गंभीर बीमारी से गुजर रहे शॉएब्ले ने 26 दिसंबर की रात आखिरी सांसें लीं.

हाल के सालों में वह चांसलर अंगेला मैर्केल और 90 के दशक में चांसलर हेल्मुट कोल की कैबिनेट में मंत्री रहे. 1990 में हुए जर्मन एकीकरण यानि पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के फिर से मिलकर एक होने में भी शॉएब्ले का अहम योगदान माना जाता है.

इस मौके पर जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा है कि शॉएब्ले ने "आधी सदी से भी ज्यादा समय तक हमारे देश को आकार दिया है." माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखे अपने संदेश में चांसलर शॉल्त्स ने लिखा, "जर्मनी ने एक तीव्र-बुद्धि विचारक, जुनूनी राजनेता और जुझारू डेमोक्रैट खो दिया."

कोल से लेकर मैर्केल तक

सन 1942 में जर्मन शहर फ्राइबुर्ग में जन्मे शॉएब्ले ने 1972 में जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में सदस्य के रूप में कदम रखा. तबसे लगातार सदस्यता बरकरार रखते हुए उनके नाम से देश के संसदीय इतिहास में सबसे दीर्घकालीन सदस्य बनने का गौरव जुड़ा है.

पूर्व सीडीयू नेता हेल्मुट कोल के नेतृत्व में एक यूरोप समर्थक नेता के तौर पर शॉएब्ले ने अपना करियर शुरु किया. आगे बढ़ते हुए उन्होंने कोल के चीफ ऑफ स्टाफ की भूमिका निभाई और बहुत से लोग उन्हें कोल का राजनीतिक उत्तराधिकारी मानते थे.

जर्मन एकीकरण के समय इन दोनों नेताओं के योगदान को काफी महत्व दिया जाता है. लेकिन 1990 में ही एक व्यक्ति ने शॉएब्ले पर उनकी जान लेने के इरादे से हमला किया. इसमें उनकी जान तो बच गई लेकिन तबसे जीवन भर के लिए शॉएब्ले व्हील चेयर पर निर्भर हो गए.

'यूरोजोन कर्ज संकट' में मनवाया लोहा

मैर्केल की सरकार में वह कई सालों तक जर्मनी के वित्तमंत्री रहे. उस दौरान यूरोपीय देश ग्रीस में पैदा हुए ग्रीक वित्त संकट को लेकर जर्मनी के बजट को कुशलता से संभालने के लिए उनको श्रेय दिया जाता है. उस दौर में इसे 'यूरोजोन कर्ज संकट' का नाम मिला था.

शॉएब्ले की उनकी बचत नीतियों और दक्षिणी यूरोपीय देशों के प्रति सख्ती को लेकर काफी आचोलना और साथ ही सराहना भी मिली. जर्मन वित्तीय नीति का सुनहरा सूत्र माने जाने वाला "ब्लैक जीरो" यानि ऋणमुक्त संघीय बजट उन्होंने उस वक्त भी बना कर दिखाया था.

मौजूदा विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने एक्स पर अपने संदेश में लिखा है, "हालिया जर्मन इतिहास और हमारी लोकतांत्रिक संस्कृति पर इतना असर डालने वाला वोल्फगांग शॉएब्ले जैसे कोई दूसरा राजनेता शायद ही हो."

दो बार वित्तमंत्री और उसके पहले दो बार आंतरिक मामलों के मंत्री रहने के बाद उन्हें बुंडेसटाग का स्पीकर बनाया गया, जिस पद पर वह 2021 तक बने रहे.

आरपी/एए (डीपीए, रॉयटर्स)

एडिटर, डीडब्ल्यू हिन्दी
ऋतिका पाण्डेय एडिटर, डॉयचे वेले हिन्दी. साप्ताहिक टीवी शो 'मंथन' की होस्ट.@RitikaPandey_