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जर्मनी की सारी पार्टियां मिल कर भी नहीं रोक सकीं एएफडी को

२६ जून २०२३

जर्मनी की राजनीति में बड़ा खिलाड़ी बनने के आसार अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड यानी एएफडी के लिए थोड़े और मजबूत हो गए है. धुर दक्षिणपंथी पार्टी को पहली बार जिला प्रशासक के चुनाव में जीत मिली है.

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सेसलमान ने सत्ताधारी पार्टी की ऊर्जा और शरणार्थी नीति के विरोध पर अपना प्रचार केंद्रित रखा
रॉबर्ट सेसलमान की जीत को ऐतिहासिक कहा जा रहा हैतस्वीर: Martin Schutt/dpa/picture alliance

एएफडी के रॉबर्ट सेसेलमान को मिली जीत ऐतिहासिक कही जा रही है. थुरिंजिया राज्य के सोनेबर्ग के जिला प्रशासक को परास्त कर उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है. इसे बड़ा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि तमाम दलों ने स्थानीय लोगों से सेसेलमान के प्रतिद्वंद्वी को जिताने की अपील की थी.

भविष्य की जीतों के संकेत

भले ही जिला प्रशासक ओहदे और अधिकार में उतना बड़ा या प्रभावशाली नहीं होता लेकिन पहली बार एएफडी ने किसी प्रशासकीय पद के लिए चुनाव जीता है. विशेषज्ञों को इस जीत से आने वाले समय में कई और जीतों के लिए संकेत दिख रहे हैं.

ड्रेसडेन में रहने वाले राजनीति शास्त्री हानस फोरलैंडर का कहना है, "अगर (लोगों के) मूड में कोई नाटकीय बदलाव नहीं होता है तो राज्य के चुनाव और अगले साल के स्थानीय चुनाव में एएफडी विजय के रास्ते पर बढ़ सकती है."

रविवार को हुए थे सोनेनबर्ग के चुनाव
जिला प्रशासक के चुनाव में एएफडी को पहली बार जीत मिली हैतस्वीर: Martin Schutt/dpa/picture alliance

फोरलैंडर ने जर्मनी में दक्षिणपंथी लोकलुभावन राजनीति के उभार पर किताब लिखी है. वह ड्रेसडेन की टीयू यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ कंस्टिट्यूशनलिज्म एंड डेमोक्रैसी के डायरेक्टर भी हैं.

एएफडी के उम्मीदवार सेसेलमान ने मुख्य रूप से जर्मनी में तीन पार्टियों की गठबंधन सरकार के विरोध पर अपना प्रचार अभियान केंद्रित रखा. वह खास तौर से केंद्र सरकार की ऊर्जा और शरणार्थी नीति को लेकर सरकार के खिलाफ बोल रहे थे.

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पार्टियों की सामूहिक कोशिश नाकाम

जर्मनी की दूसरी सभी प्रमुख पार्टियां सेसेलमान के प्रतिद्वंद्वी के समर्थन में लामबंद हो गई थीं. इनमें चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी, ग्रीन पार्टी और कारोबार समर्थक फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी भी शामिल है. इन सारी पार्टियों ने सीडीयू के उम्मीदवार का साथ दिया. हालांकि इन सारी पार्टियों की सामूहिक कोशिश भी एएफडी को जीतने से नहीं रोक सकी.

रविवार को हुए चुनाव में सेसेलमान को 52.8 फीसदी वोट मिले. पूर्वी जर्मनी के थुरिंजिया, सैक्सनी और ब्रांडनबुर्ग में अगले साल राज्य और स्थानीय निकायों के लिए चुनाव होने हैं.  इसके अलावा सैक्सनी अनहाल्ट और मैक्लेनबुर्ग फॉर्पोमर्न में स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे.

एएफडी की जीत से मुख्यधारा की पार्टियों को झटका लगा है
सीडीयू के युर्गेन कॉपर सारी पार्टियों के समर्थन के बावजूद हार गएतस्वीर: Martin Schutt/dpa/picture alliance

जर्मन अदालत ने एएफडी की निगरानी को दी मंजूरी

फोरलैंडर का कहना है कि एएफडी राज्य स्तर पर शासन में शामिल होगी इसके आसार कम हैं. मुख्यधारा की पार्टियां लंबे समय से धुर दक्षिणपंथी दल एएफडी के साथ गठबंधन से परहेज करती रही हैं. हालांकि फोरलैंडर का यह भी कहना है कि एएफडी को मिला ज्यादा समर्थन उनके विरोधियों को उलझा सकता है. इसकी वजह यह है छोटी छोटी पार्टियों में बंटे जनाधार के बीच राज्य की असेंबली में बहुमत के लिए बड़े गठबंधन की जरूरत होगी.

फोरलैंडर के मुताबिक, "एएफडी के खिलाफ राजनीति करना या फिर चुनाव जीतना मुश्किल होता जा रहा है."

उनका कहना है कि एएफडी के समर्थकों के पास कई अलग-अलग कारण है उसका साथ देने के लिए. लगभग एक दशक पुरानी इस धुर दक्षिणपंथी पार्टी ने कई बार लोगों को चौंकाया है.

एएफडी पूर्वी जर्मनी के कई इलाकों में सफलता हासिल कर रही है. इन इलाकों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो रुढ़िवाद और दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी विचारों का प्रदर्शन करते हैं. मौजूदा संघीय सरकार की शरणार्थी और ऊर्जा नीतियों को लेकर जो देश भर में असंतुष्टि है उसने फोरलैंडर के मुताबिक, "एएफडी की जमीन मजबूत कर दी है."

एनआर/एए (डीपीए)