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कोसोवो की आजादी पर हेग अदालत की मुहर

२२ जुलाई २०१०

संयुक्त राष्ट्र की अदालत ने कहा है कि कोसोवो की स्वतंत्रता से किसी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं होता. कोसोवो के बारे में अपनी राय देते हुए अंतरराष्ट्रीय अदालत ने साफ किया कि यह किसी तरह का फैसला नहीं है.

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तस्वीर: AP

गुरुवार को पूरी दुनिया की नज़रें द हेग की अदालत इस पर लगी थीं. खासकर सर्बिया की जिससे टूट कर कोसोवो बना है. इसीलिए सर्बिया कोसोवो की आजादी का कट्टर विरोधी है.

कोसोवो की स्वतंत्रता पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस का मत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका असर सर्बिया के यूरोपीय संघ में प्रवेश की कोशिशों पर पड़ सकता है. साथ ही दुनिया भर के कई देशों में जो अलगाववादी मुहिम चल रही हैं, उन पर भी इसका असर पड़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र में कुल 123 देश ऐसे हैं जिन्होंने कोसोवो को देश के तौर पर मान्यता नहीं दी है. फिलहाल केवल 69 देश कोसोवो को एक देश का दर्जा देते हैं.

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के राजनयिकों ने कहा है कि कोसोवो की स्वतंत्रता के फैसले को वापस नहीं लिया जा सकता. इन देशों ने सर्बिया को चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र में इस तरह की बहस शुरू करने का मतलब है पश्चिमी देशों से सीधी टक्कर लेना.

फरवरी 2008 में कोसोवो ने खुद को सर्बिया से आजाद घोषित कर दिया था. यहां अल्बेनियाई मूल के लोगों की अधिकता है. 11 साल पहले नैटो सेना ने इस इलाके से सर्बियाई की सेना को बाहर किया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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