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दस महीने बाद बीजेपी में लौटे जसवंत

२५ जून २०१०

मोहम्मद अली जिन्ना पर किताब लिखने की वजह से जसवंत सिंह को बीजेपी से निकाल दिया गया था. लेकिन 10 महीने के वनवास के बाद वह पार्टी में लौट आए हैं. वह वरिष्ठ नेताओं के सामने बीजेपी में वापसी कर रहे हैं.

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जसवंत सिंहतस्वीर: AP

जसवंत सिंह ने बार बार कहा था कि वह बीजेपी से दूर रह कर अच्छा नहीं महसूस कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में कहा था कि बीजेपी तो उनके खून में है. इसके बाद पार्टी ने 72 साल के वरिष्ठ नेता को एक बार फिर पार्टी में लौटाने का फैसला किया है.

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि जसवंत सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के सामने बीजेपी में लौट रहे हैं. इस मौके पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज भी मौजूद होंगी. जसवंत सिंह पिछले कुछ दिनों से आडवाणी के संपर्क में हैं.

BJP Politiker Indien
आडवाणी के साथ गडकरीतस्वीर: UNI

पिछले साल जसवंत सिंह उस वक्त विवादों में घिर गए थे, जब उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर किताब लिखी थी. उनके किताब कि विमोचन के वक्त पार्टी के ज्यादातर नेता दूर रहे थे. इसके बाद अगस्त, 2009 में शिमला में हुई बीजेपी की बैठक के दौरान जसवंत सिंह को पार्टी से निकाल बाहर किया गया.

जसवंत सिंह ने इसके बाद से खुल कर पार्टी की अंदरूनी बातें मीडिया के सामने बताईं. यहां तक कि उन्होंने कहा था कि कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान उस वक्त के उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को हालात की पूरी जानकारी थी और जिन संदिग्ध आतंकवादियों को भारत ने रिहा किया था, उस बारे में भी आडवाणी जानते थे.

इन रहस्योद्घाटन के बाद समझा जा रहा था कि जसवंत सिंह की बीजेपी से हमेशा के लिए दूरी बन जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जसवंत ने किसी दूसरी पार्टी का साथ नहीं थामा और हाल के दिनों में लगातार इस बात के संकेत मिल रहे थे कि वह बीजेपी में लौट सकते हैं.

जसवंत सिंह भारत के वित्त और विदेश मंत्री का पद संभाल चुके हैं. उनके विदेश मंत्री रहते हुए ही 1999 में एयर इंडिया विमान अपहरण कांड हुआ था. भारत के एक विमान को अपहरण करके अफगानिस्तान के कंधार शहर ले जाया गया था. बाद में उस वक्त के विदेश मंत्री जसवंत सिंह अपने साथ कुछ संदिग्ध आतंकवादियों को विशेष विमान से कंधार ले गए. इन आतंकवादियों को रिहा करने के बदले अपहर्ताओं ने विमान को छोड़ा था. इस मामले में बीजेपी सरकार और जसवंत सिंह की खूब किरकिरी हुई.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एम गोपालकृष्णन