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जी-8 विदेशमंत्री चाहते हैं ईरान के ख़िलाफ़ कड़ा क़दम

३० मार्च २०१०

जी-8 के सदस्य देश ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं. कनाडा में अपनी बैठक के अंत में वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ईरान के ख़िलाफ़ उचित और कड़े क़दमों की मांग करेंगे.

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पिछले साल इटली मेजबान थातस्वीर: AP

जी-8 के विदेश मंत्रियों की बैठक कनाडा के ओटावा में मंगलवार को समाप्त हो रही है. समापन दस्तावेज़ के मसौदे में ईरान के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग तो की ही गई है, साथ ही उसके साथ संवाद की तैयारी पर भी ज़ोर दिया गया है.

जी-8 के विदेश मंत्रियों की बैठक सोमवार शाम ओटावा के निकट गैटीनो में शुरू हुई. नियमित शिखर सम्मेलन से तीन महीने पहले हो रही इस बैठक का लक्ष्य विदेश नीति में सामंजस्य बैठाना है. बैठक में ईरान के अलावा रूस में हुए आत्मघाती हमले और अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा हो रही है.

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चांसलर मैर्केल के साथ विदेशमंत्री गीडो वेस्टरवेलेतस्वीर: AP

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने ईरान पर फिर से आरोप लगाया है कि वह परमाणु विवाद में समझौते का कोई संकेत नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि तेहरान को दूसरे देशों की तरह परमाणु के असैनिक उपयोग का अधिकार है लेकिन यदि वह परमाणु शस्त्रीकरण का विकल्प खुला रखता है तो इसका परिणाम प्रतिबंधों में विस्तार होगा.

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सालों में ईरान के ख़िलाफ़ तीन बार प्रतिबंध लगाए हैं क्योंकि वह यूरेनियम का संवर्धन रोकने के लिए तैयार नहीं है. जी-8 में औद्योगिक देशों अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, फ़्रांस और जापान के अलावा रूस भी शामिल है. पश्चिमी देशों को आशंका है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने पर काम कर रहा है. तेहरान सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है लेकिन अपने परमाणु कार्यक्रम में पारदर्शिता दिखाने को तैयार नहीं है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: राम यादव