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हुसैन के खिलाफ मामले खारिज नहीं होंगे

२६ मार्च २०१०

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने विवादित पेंटर एमएफ हुसैन के खिलाफ मामलों को वापस लेने और उन्हें फिर से देश बुलाने की याचिका पर सरकार को कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया. हुसैन भारतीय नागरिकता छोड़ कर कतर में रह रहे हैं.

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तस्वीर: AP

चीफ जस्टिस केजी बालाकृष्णन की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. इसमें सरकार को निर्देश देने की अपील की गई थी कि 95 साल के भारतीय मूल के पेंटर एमएफ हुसैन के खिलाफ सभी आपराधिक मामले खारिज कर दिए जाएं ताकि उनके भारत लौटने का रास्ता साफ हो सके.

Künstler M.F. Husain, Indien Flash-Galerie
तस्वीर: AP

अदालत ने याचिकाकर्ता को अर्जी वापस लेने का निर्देश देते हुए पूछा, "अगर वह दोहा में हैं, तो क्या समस्या है. याचिका में जो मांग की गई है, उसे पूरा नहीं किया जा सकता है."

भारत में हिन्दू धर्म से जुड़े संवेदनशील और विवादित पेंटिंग बनाने के आरोप में एमएफ हुसैन पर दर्जनों मामले दर्ज हैं. इनसे बचने के लिए वह पिछले चार साल से स्वघोषित निर्वासन में रह रहे हैं. हाल ही में उन्होंने भारतीय नागरिकता छोड़ दी और कतर के नागरिक बन गए. अब वह कतर की राजधानी दोहा में रहते हैं और उन्होंने भारतीय पासपोर्ट भी लौटा दिया है.

सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें अपील की गई थी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा जाए कि वह हुसैन को भारत लाने के लिए कदम उठाएं.

भारत की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वह भारत सरकार को केस वापस लेने के निर्देश नहीं दे सकती क्योंकि कई निजी स्तरों पर शिकायत की गई हैं. न्यायालय ने कहा कि हुसैन के खिलाफ सभी मामलों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल