1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत में 12 परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाएगा रूस

१२ मार्च २०१०

रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान रूसी परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने जानकारी दी है कि भारत में बारह और परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाएगा. भारत का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी रूस की ही मदद से बनाया गया है.

https://p.dw.com/p/MRV6
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मिले पुतिनतस्वीर: UNI

भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूसी प्रधानमंत्री के साथ परमाणु ऊर्जा सहित विमानों के सौदे के मामले में हस्ताक्षर किए हैं. भारत ने कहा है कि रूस वहां और परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाएगा.

भारत के व्यवसाइयों के साथ एक विडियो कॉन्फ्रेन्स में प्रधानमंत्री पुतिन ने कहा कि भारत के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ रहा है.

रूस के प्रधानमंत्री पुतिन ने कहा कि भारत के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में रिएक्टर, परमाणु ईंधन और परमाणु कचरे के समाधान पर सहयोग होगा. रूस के परमाणु एजेंसी रोसाटोम के प्रमुख सेरगेई किरियेन्को ने शुक्रवार को घोषणा की कि बारह परमाणु रिएक्टर बनाए जाएंगे लेकिन अभी यह संख्या पक्की नहीं है. छह संयंत्र 2012 से 2017 के बीच बनाए जाएंगे.

जबकि पश्चिम बंगाल के हरिपुर में रिएक्टर के निर्माण का काम 2017 के बाद शुरू होगा.

दिल्ली मुंबई कोलकाता और बैंगलोर के उद्योगपतियों के साथ विडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के दौरान प्रधानमंत्री पुतिन ने कहा कि भारत ने परमाणु कचरे के समाधान के लिए सहायता देने का प्रस्ताव रखा है.

रूस की तकनीक चाहे वह परमाणु रिएक्टरों की हो या फिर हथियारों की, पुरानी मानी जाती है, फिर भी भारत ने लगातार रूस के साथ साझेदारी, सहयोग किया है. रूसी मामलों की जानकार अनुराधा चिनॉय का मानना है कि रूस और भारत के बीच संबंध पुराने हैं और उनके बीच सहयोग की परंपरा भी लंबी रही है.

परमाणु रिएक्टरों की सुरक्षा के बारे में पूछने पर प्रधानमंत्री पुतिन का कहना था कि चेरनोबिल पूर्वी सोवियत संघ की बात है जो पीछे छूट गया है. उसके बाद से रूस अपनी तकनीक और सुरक्षा इंतज़ामों को लगातार सुधारता रहा है. जो भी तकनीक रूस भारत को देगा उसमें भी नए सुरक्षा इंतज़ाम होंगे.

दो हज़ार आठ में भी रूस के साथ भारत ने चार परमाणु संयंत्र लगाने का समझौता किया था. रूस मामलों की जानकार चिनॉय का हालांकि मानना है कि रूस बिना समझौतों के भी भारत का सहयोग करता रहा है

रिपोर्टः एजेंसियां आभा मोंढे

संपादनः ए जमाल