माओवादियों की किसी शर्त पर बात नहीं करेगा भारत
२३ फ़रवरी २०१०सरकार के रुख़ को स्पष्ट करते हुए चिदम्बरम ने कहा कि वह माओवादियों से सिर्फ़ एक सीधा, संक्षिप्त, लिखित बयान चाहते हैं जिसमें कहा गया हो कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए तैयार हैं और बातचीत के लिए राज़ी हैं. गृह मंत्रालय का फ़ैक्स नंबर देते हुए उन्होंने माआवोदियों से अपना बयान फ़ैक्स करने के लिए कहा है.
"सीपीआई(माओवादी) की ओर से कई तरह के बयान जारी हुए हैं जिन्हें कथित रूप से माओवादी नेता जारी कर रहे हैं. किसी पुख़्ता बयान के न होने के चलते सरकार इन पर प्रतिक्रिया देने में असमर्थ है."
सोमवार को माओवादियों ने सशर्त संघर्षविराम का प्रस्ताव रखा था और कहा था कि अगर सरकार 72 दिनों के लिए अपना अभियान रोकती है और बातचीत में मध्यस्थ को भी शामिल करती है तो वह वार्ता के लिए तैयार हैं. लेकिन चिदम्बरम ने अपने बयान में कहा है कि वह किसी तरह की 'अगर, मगर, लेकिन' नहीं चाहते.
चिदम्बरम के मुताबिक़ एक बार बयान मिलने के बाद वह प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर सलाह लेंगे और फिर जल्द ही प्रतिक्रिया देंगे. सोमवार रात माओवादी नेता किशनजी ने मीडिया को फ़ोन पर बताया था कि 25 फ़रवरी से 7 मई तक राज्य सरकारें और केंद्र सरकार अगर हिंसा से दूर रहें और आदिवासी इलाक़ों के विकास पर ध्यान दें तो माओवादी भी सकारात्मक जवाब देंगे.
पिछले हफ़्ते गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने अपने बयान में कहा था कि अगर माओवादी 72 घंटे के लिए हिंसा रोकें तो सरकार उनके साथ बातचीत के लिए तैयार है. अब माओवादियों की ओर से 72 दिनों का प्रस्ताव सरकार को दिया जा रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़