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तेलंगाना में बंद, आम जनजीवन ठप्प

२४ दिसम्बर २००९

टीआरएस और अन्य पार्टियों के 48 घंटे के बंद की वजह से पूरे तेलंगाना क्षेत्र में आम जनजीवन ठप्प हो गया है. यह बंद केंद्र सरकार द्वारा अलग तेलंगाना राज्य बनाने के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने के विरोध में बुलाया गया है.

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केसीआर की अपील पर बंदतस्वीर: AP

बंद का व्यापक असर दिख रहा है. छात्र और अन्य तेलंगाना समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और बसों पर पथराव कर रहे हैं. हैदराबाद और तेलंगाना के अन्य ज़िलों में दुकानों पर भी इसी तरह पत्थर फेंके गए हैं. आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव और तेलंगाना के दूसरे नेताओं की बंद की अपील के बाद ही कई पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं. जो पेट्रोल पंप खुले हैं, उनके सामने लोगों की लंबी कतारें लगी हैं.

आंध्र प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एपीएसआरटीसी) ने हैदराबाद और तेलंगाना के अन्य ज़िलों के लिए अपनी सभी बस सेवाएं रोक दी हैं. इस वजह से हैदराबाद में बहुत से लोग फंसे हैं. बुधवार रात से ही हैदराबाद में कई जगहों पर बसों को जलाए जाने की घटनाएं हुई हैं.

बुधवार को केंद्र सरकार ने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों और समूहों से व्यापक सलाह मशविरा करने की ज़रूरत है. इसी घोषणा के बाद आंध्र प्रदेश का विभाजन कर अलग तेलंगाना राज्य बनाने की मांग कर रहे नेताओं ने 48 घंटे के बंद का एलान किया है.

उधर तेलंगाना के मुद्दे को लटकाए जाने के विरोध में इस क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस के 12 सांसद इस्तीफ़ा देने का मन बना रहे हैं. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि ये सभी सांसद इस बात पर विचार कर रहे हैं कि अपना इस्तीफ़ा लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को भेजें या फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को.

करीमनगर से कांग्रेस के सांसद पोन्नम प्रभाकर का कहना है कि तेलंगाना के मुद्दे पर और बातचीत करने की घोषणा के विरोध में वह अपना इस्तीफ़ा दे रहे हैं. केंद्र सरकार के फ़ैसले के विरोध में सासंद प्रदर्शन करने के बारे में भी सोच रहे हैं. इससे पहले टीआरएस के सांसद और विधायक अपना इस्तीफ़ा दे चुके हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार