झारखंड बंद के दौरान भारी हिंसा
३० नवम्बर २००९बाल्दीह में पहरा दे रहे तीन और पुलिसकर्मी भी धमाके का निशाना बने. झारखंड में इस बंद के दौरान नौ स्कूली इमारतों को निशाना बनाया गया है. गिरीडीह में रेलवे स्टेशन पर हमला हुआ है और रेल पटरी को भी नुकसान पहुंचाया गया है.
प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने ये बंद अपने शीर्ष नेता अशोक महतो की गिरफ़्तारी के विरोध में बुलाया है. दो दिन से प्रदेश में अनेक जगहों पर हुई हिंसक घटनाओं का विधानसभा चुनाव प्रचार पर भारी असर पड़ा है. झारखंड में विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण की 14 सीटों के लिए दो दिसंबर को मतदान होना है और आज प्रचार का अंतिम दिन है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्रचार निर्धारित समय से दो दिन पहले ही ख़त्म हो गया है. प्रत्याशी अपने-अपने चुनावी क्षेत्रों में नहीं जा पा रहे हैं. पिछले चरण में ग्रामीण इलाक़ों में माओवादियों का प्रभाव स्पष्ट नज़र आया था और शहरों में तो मात्र 32 प्रतिशत मतदान हुआ था.
उधर पश्चिम बंगाल में भी आवश्यक वस्तुओं के दाम और बिजली की दरों में वृद्धि के ख़िलाफ़ बुलाए गए बंद के दौरान काफ़ी हिंसा हुई है. प्रदर्शनकारियों ने कई बसों को आग लगाई. जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. राज्य में बाज़ार, दूकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान खुले रहे. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने शहर में कई जगह नाकाबंदी की. हावड़ा ज़िले में शहरो को जा रही बसों को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी और हावड़ा, सियालदाह से जाने वाली रेलगाड़ियां रोक दी गई है और प्रदर्शनकारी पटरियों पर बैठे हुए हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/टी सचदेव
संपादन: एस जोशी