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मनु शर्मा की पैरोल पर दिल्ली सरकार को झाड़

२० नवम्बर २००९

जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा को जिस तरह से पैरोल दी गई उसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को झाड़ लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि रसूख वाले लोगों को पैरोल में तरजीह दी जा रही है.

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रसूख वालों को मिल जाती है जल्दी पैरोलतस्वीर: AP

जस्टिस कैलाश गंभीर ने कहा कि आम तौर पर सरकार पैरोल की अनुमति देने के मामलों में तीन से छह महीने लगाती है लेकिन मनु शर्मा को बीस ही दिन में पैरोल मिल गई. उन्होंने कहा कि पैरोल आवेदन की सूची को देखकर समझ में आता है कि सरकार दोषियों की पैरोल अर्ज़ियों को सबसे कम प्राथमिकता दे रही है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि गृह विभाग ने कुछ रसूख़ वाले लोगों को ख़ास तरजीह दी है.

अदालत ने ये बातें कनॉट प्लेस में गोलीबारी कांड के दोषी सुमीर सिंह की पैरोल याचिका के सिलसिले में कही जो अपने मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए तीन महीने से पैरोल मांग रहा है. उसका कहना है कि उसके घर वाले अनपढ़ हैं इसलिए याचिका दायर करने के लिए उसे जेल से बाहर आने दिया जाए.

पैरोल के मामलों में नियमों की अनदेखी पर अदालत ने 10 नवंबर को अपनी पिछले सुनवाई में दिल्ली सरकार को नोटिस दिया था. सरकार के गृह सचिव से ख़ुद अदालत में आकर यह बताने को कहा गया कि साफ़ निर्देशों के बावजूद पैरोल दिए जाने में देरी क्यों की जा रही है.

इससे पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट निर्देश दे चुका है कि पैरोल के आवेदन पर सरकार तेज़ी से कार्रवाई करे और आवश्यकता पड़ने पर दस दिन के अंदर पैरोल के मामले में फ़ैसला ले. कोर्ट ने कहा कि इन निर्देशों को सही सही लागू करने की बजाय इनका ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा है. राज्य सरकार को आदेश मिला है कि इस साल पैरोल के लिए मिले सभी आवेदनों की सूची वह अदालत को भेजे.

मनु शर्मा ने मां की बीमारी का कारण बताकर तिहाड़ जेल से 22 सितंबर को पैरोल ली थी और फिर उसे दिल्ली के एक होटल के नाइट क्लब में देखा गया था. इसके बाद विवाद को देखते हुए वह ख़ुद 10 नवंबर को वापस तिहाड़ जेल पहुंच गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ए कुमार