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सुप्रीम कोर्ट में मायावती की याचिका ख़ारिज

१३ नवम्बर २००९

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसमें 2,600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले लखनऊ के अंबेडकर स्मारक में मरम्मत और कुछ अन्य कामों को कराने की अनुमित मांगी गई है.

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मायावती को राहत नहींतस्वीर: AP

जस्टिस एच एस बेदी और जे एम पंचाल की बेंच महसूस करती है कि राज्य सरकार को इस तरह की राहत देने के लिए "परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है." राज्य सरकार से पहले इस तरह के सभी स्मारकों पर काम रोक देने को कहा जा चुका है.

वैसे सर्वोच्च अदालत ने यह ज़रूर कहा है कि स्मारकों से जुड़े मुख्य मामले पर जब 30 नवंबर को सुनवाई होगी तो इस याचिका पर भी विचार किया जाएगा. राज्य सरकार ने यह कहते हुए अंबेडकर स्मारक पर मरम्मत के काम की अनुमित मांगी थी कि 6 दिसंबर को बी आर अंबेडकर की पुण्यतिथि पर वहां लाखों लोग आएंगे.

याचिकाकर्ता मिथिलेश कुमार और गोमती नगर संस्था की तरफ़ से मामले की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उत्तर प्रदेश को राहत देने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि पहले भी वह सुप्रीम कोर्ट में निर्माण कार्य रोकने के लिए दिए गए अपने आश्वासनों का उल्लंघन कर चुकी है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने तीन अलग अलग आदेशों में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार मूर्ति और स्मारकों से जुड़ी किसी भी निर्माण गतिविधि से बचे. इन स्मारकों पर मुख्यमंत्री मायावती समेत कई और दलित नेताओं की मूर्तियां लगाई जा रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़