किन्नरों के लिए चुनाव आयोग का 'अन्य' विकल्प
१३ नवम्बर २००९चुनाव आयोग के मुताबिक 'अन्य' यानि 'ओ' वाला विकल्प किन्नरों और ट्रांससेक्सुअल लोगों के बनाया गया है. आयोग के मुताबिक किन्नर या ट्रांससेक्सुअल लोग इस विकल्प का इस्तेमाल करने या न करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होंगे. ट्रांससेक्सुअल उन लोगों को कहा जाता है जिनकी शारीरिक रचना में महिलाओं और पुरुषों के गुण एक साथ पाए जाते हैं. भारत में अब तक ऐसे लोग ज़्यादातर सरकारी दस्तावेजों में महिला या पुरुषों की श्रेणी रखे जाते रहे हैं.
गुरुवार को एक प्रेस नोट जारी कर चुनाव आयोग ने कहा, ''इस बारे में की गई दरख़्वास्त को आयोग ने मान लिया है. अब किन्नर और ट्रांससेक्सुअल लोग लिंग या जेंडर वाली श्रेणी में 'ओ' भी लिखवा सकते हैं.'' इस एलान के बाद वोटिंग लिस्ट के अलावा भी चुनाव आयोग के हर दस्तावेज़ में अन्य का विकल्प होगा. इसे चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर भी लागू करेगा.
निर्वाचन आयोग के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के इस बारे में ज़रूरी निर्देश दे दिए गए हैं. निर्देश में यह भी कहा गया है कि अब चुनाव प्रक्रिया को लेकर घर घर जाने वाले कर्मचारी ज़रूरी जानकारी इकट्ठा करते समय लोगों के लोगों की इच्छा पर ही 'अन्य' का विकल्प भरेंगे.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: महेश झा