ओबामा का एशियाई दौरा
१२ नवम्बर २००९ओबामा की इस यात्रा के महत्व की ओर संकेत करते हुए सामरिक संचार के राष्ट्रीय उप-सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कहा है, "यह दुनिया का सबसे अधिक तेज़ी से विकसित हो रहा आर्थिक क्षेत्र है. साथ ही यह अमरीका के साथ बहुत नाज़ुक़ संबंधों वाला इलाक़ा भी है."
ओबामा पहले अमरीकी राष्ट्रपति हैं, जो बचपन में एशिया में रह चुके हैं, और समझा जाता है कि यह अनूठा परिप्रेक्ष्य क्षेत्र के उनके नौ दिन के इस दौरे को रूप और आकार देने में सहायक होगा. अपनी इस सारी यात्रा के दौरान ओबामा आर्थिक विकास, परमाणु-अप्रसार, अफ़ग़ानिस्तान के युद्ध और जलवायु-परिवर्तन के प्रमुख मुद्दों पर, अमरीका के महत्वपूर्ण साझेदारों के रूप में एशियाई देशों के महत्व पर ज़ोर देंगे.
ओबामा नए जापानी प्रधानमंत्री युकियो हातोयामा, चीनी राष्ट्रपति हू जिन्ताओ और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शेन लुग, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ई म्यंग-बाक और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युद्धोयोनो के साथ बैठक करेंगे. इसके अलावा अमरीकी राष्ट्रपति एशिया-प्रशांत आर्थिक सहकार संगठन एपैक और आसियान की शिखर बैठकों में हिस्सा लेंगे. एपैक की बैठक के अवसर पर ओबामा का रूसी राष्ट्रपति मेद्वेदेव से मिलना भी तय है.
ओबामा यह यात्रा ऐसे समय कर रहे हैं, जब यह कहा जा रहा है कि उस क्षेत्र के देश अधिक दृढ़ता का रुख़ अपना रहे हैं और कि वे अमरीका की हां में हां मिलाने के मूड में नहीं हैं. विशेष रूप से जापान, जिसके नए प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह अमरीका के साथ अपनी मित्रता के सभी पक्षों पर पुनर्विचार करना चाहते हैं. अमरीका वित्तीय निवेश के लिए चीन पर काफ़ी निर्भर है और उसके चीन से जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल पर मतभेद हैं.
ईरान और उत्तर कोरिया के परमाणु-कार्यक्रमों को लेकर अमरीका के, रूस और चीन दोनों से मतभेद बने हुए हैं. एक सवाल के जवाब में इस सप्ताह व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने ओबामा की यात्रा को आशावादी परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया, "राष्ट्रपति का विचार है कि अमरीका और इन देशों के अनेक आपसी हित हैं, और मिलकर काम करते हुए, हम उन आपसी हितों पर प्रगति कर सकते हैं."
मेद्वेदेव के साथ ओबामा की बैठक की कार्यसूची पर बात करते हुए गिब्स ने कहा, "स्पष्ट है कि हम उन मुद्दों पर बात करना जारी रखेंगे, जिन पर वे बातचीत करते रहे हैं, सबसे अधिक मुख्य रूप से स्टार्ट संधि के बारे में, जिसकी अवधि, मेरे विचार में, 5 दिसंबर को समाप्त हो रही है., और ये दोनों नेता उत्तर कोरिया और ईरान पर भी विचार-विमर्श जारी रखेंगे."
बेशक़, अमरीका एशियाई देशों में भारत को बहुत महत्व देता है. अनुमान किया जा सकता है कि ओबामा वॉशिंग्टन लौटने पर अपनी यात्रा के निष्कर्षों पर और भारत-अमरीकी संबंधों को और अधिक मज़बूत बनाने के सिलसिले में, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बातचीत करेंगे, जब वह सिंह का 24 नवंबर को व्हाइट हाउस में स्वागत करेंगे.
रिपोर्ट: गुलशन मधुर, वाशिंग्टन
संपादन: महेश झा