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मैगसैसे विजेता संदीप पांडे पर मुक़दमा

३ अगस्त २००९

मैगसैसे एवार्ड विजेता मशहूर पर्यावरणवादी और सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने शांति भंग करने और दो समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के आरोप में मुक़दमा चलाने का आदेश दिया है.

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1992 में गिरा दी गई थी बाबरी मस्जिदतस्वीर: dpa - Bildarchiv

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उत्तर प्रदेश के चीफ़ ज्यूड्श्यिल मजिस्ट्रेट की अदालत ने संदीप पांडे और चार और लोगों के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में शांति भंग करने का मुक़दमा चलाने का आदेश दिया है.

ये मामला 2003 का है. राम जन्म भूमि पुलिस स्टेशन में इसे दर्ज कराया गया था. संदीप पांडे अपने सहयोगियों के साथ उस समय हिंदूवादी गुट विश्व हिंदू परिषद के कथित सांप्रदायिक कार्यक्रम के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे थे.

संदीप पांडे जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं और जल, जंगल, ज़मीन को लेकर उनका संघर्ष अभूतपूर्व रहा है. अमेरिका में युनिवर्सिटी ऑफ़ बर्कले, से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आईआईटी में पढ़ाने की शुरूआत की. साथ ही आशा ट्रस्ट नामक एक संगठन की भी नींव रखी.

इस संगठन के ज़रिए संदीप पांडे ने ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र को मज़बूत करने, सूचना के अधिकार पर जागरूता लाने, पानी के संकट और भ्रष्टाचार मिटाने सहित कई अन्य अहम मुद्दों पर काम किया. वह नेशनल एलायंस ऑफ़ पीपल्स मूवमेंट के भी प्रमुख हैं जो कई संगठनों की आवाज़ है.

उन्हें 2002 में मैगसैसे अवार्ड भी दिया गया था. संदीप पांडे अपने सामाजिक सरोकारों के लिए जाने जाते रहे हैं और सांप्रदायिकता विरोधी मुहिम का अहम हिस्सा रहे हैं.

रिपोर्ट- पीटीआई/एस जोशी

संपादन- एस गौड़