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नौसेना को सौंपी गई आईएनएस अरिहंत

२६ जुलाई २००९

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की नौसेना को परमाणु ताक़त से संपन्न पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत सौंप दी है. भारत इस तरह से परमाणु पनडुब्बी क्लब में शामिल हुआ. आईएनएस अरिहंत के पूरी तरह सक्रिय होने में 2 साल लगेंगे.

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भारत में ही बनी है अरिहंततस्वीर: AP

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह देश की रक्षा तत्परता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घड़ी है. उन्होंने कहा कि भारत की कोई हमलावर मंशा नहीं है. वह किसी को धमकी नहीं देना चाहता है, बल्कि इस क्षेत्र में व उससे परे एक ऐसा बाहरी माहौल तैयार करना चाहता है, जिसमें शांतिपूर्ण विकास और मूल्यों की रक्षा संभव हो. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरुशरन कौर ने कहा कि वह इस पनडुब्बी को आईएनएस अरिहंत का नाम दे रही हैं

INS Arihant
अरिहंत सुरक्षा के लिए: पीएमतस्वीर: AP

112 मीटर लंबा व 6 हज़ार टन भारी यह पनडुब्बी दो साल तक टेस्ट के स्तर में होगी. दो साल बाद उसके रिएक्टर व अन्य हिस्सों की जांच के बाद उसे नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा. यह पनडुब्बी पानी की सतह पर 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे और नीचे 44 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है. इस पर 95 नौसैनिक सवार हो सकते हैं और यह 12 बैलेस्टिक मिसाइलों से भी लैस होने की क्षमता रखती है.

आईएनएस अरिहंत को आज के विजय दिवस के अवसर पर छोड़ा गया, जिसे भारत की ओर से कारगिल पर विजय के रूप में मनाया जाता है. भारत के अलावा सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन , फ़्रांस और ब्रिटेन के पास ऐसी पनडुब्बियां हैं. इसके साथ अब भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह समुद्र से भी परमाणु हथियार छोड़ने के काबिल हो गया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उ भ

संपादन: एस गौड़