पश्चिम बंगाल में कई गांव माओवादी 'क़ब्ज़े' में
१७ जून २००९इलाके में माओवादियों और पुलिस अत्याचार विरोधी समिति के सदस्यों ने प्रशासन से आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और आदिवासियों के बीच शुरू हुई जंग अब पूरी तरह से हिंसक हो गई है. आदिवासियों ने सोमवार को सीपीएम के कार्यालय में तोड़फोड़ की और रामगढ़ पुलिस चौकी में आग लगा दी. आदिवासियों और माओवादियों ने इलाके के दो दर्जन से ज्यादा गांवों पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने पुलिस वालों को थानों में बंद रहने पर मजबूर कर दिया है.
राज्य की वाम मोर्चा सरकार नंदीग्राम से सबक लेते हुए इलाके में पुलिस बल भेजने से बच रही है. उसने परिस्थिति पर काबू पाने के लिए केंद्र से सीआरपीएफ की टुकड़ियां भेजने को कहा था. सीआरपीएफ की तीन कंपनियां मंगलवार रात को ही लालगढ़ से रवाना हो गईं. लेकिन रास्ते में जगह-जगह आदिवासियों का नियंत्रण होने की वजह से वह लालगढ़ नहीं पहुंच सकी. फिलहाल मिदनापुर शहर में इस आंदोलन के खिलाफ अभियान चलाने की रणनीति पर बैठकों का दौर चल रहा है.
इस बीच, सीपीएम पोलित ब्यूरो ने एक बयान में राज्य के विपक्षी दलों पर इस आंदोलन को परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर सहायता पहुंचाने का आरोप लगाया है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस की नेता और रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस आरोप को निराधार बताते हुए कहा है कि कल तक जो लोग सीपीएम कार्यकर्ता थे, वही अब माओवादी बन गए हैं. मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी माना है कि हालात काफी ख़राब हो चुके हैं.
बीते तीन दिनों से आदिवासियों और सीपीएम कार्यकर्ताओं के बीच इलाक़े पर कब्जे को लेकर बवाल चल रहा है. पुलिस भी इन आदिवासियों के सामने लाचार नजर आ रही है सीपीएम नेताओं व कार्यकर्ताओं की हत्या से आतंकित होकर कामरेडों ने इलाके से पलायन शुरू कर दिया है. बीनपुर सीपीएम जोनल समिति के सचिव अनुज पांडेय ने कहा कि लालगढ़ इलाके में सीपीएम नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है .
इससे आतंकित होकर पार्टी के नेता व कार्यकर्ता सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे है . उन्होंने आरोप लगाया है कि इलाके में आतंक का पर्याय बने माओवादी और पुलिस अत्याचार प्रतिरोध समिति के लोगों ने सीपीएम के स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं की 11 लाइसेंसी बंदूकें भी छीन ली हैं. दूसरी ओर समिति के नेता छत्रधर महतो ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा है कि समिति नहीं, बल्कि सीपीएम कार्यकर्ता ही इलाके में आतंक फैला रहे हैं.