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पांच तरकीब जो बदल देंगी आपकी दुनिया

२२ दिसम्बर २०११

आईबीएम वैसे तो आधुनिक कंप्यूटरों और तकनीक के लिए मशहूर है, लेकिन अब यह कंपनी पांच ऐसी नई तरकीब बाजार में ला रही है जिससे इंसान की जिंदगी बदल सकती है.

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तस्वीर: Fotolia/fotum

आईबीएम ने दिमाग में चल रहे विचारों को भांपने वाली मशीनों का आविष्कार किया है. इन मशीनों से पता लगाया जा सकेगा कि आप किस तरह के व्यक्ति से बात कर रहे हैं और उसके दिमाग में क्या चल रहा है. इस आविष्कार का नाम "आईबीएम 5 इन 5 है" और इसके लिए सामाजिक ट्रेंडों पर शोध किया गया है. 2017 से कंपनी अपने शोध के नतीजों का इस्तेमाल करना शुरू करेगी. "5 इन 5" का मतलब है, पांच ऐसे आविष्कार जो आने वाले सालों और महीनों में इंसान की जिंदगी बदल सकते हैं.

इनमें से पहला है पीपुल पॉवर. आईबीएम के वैज्ञानिकों का कहना है कि मनुष्य के हिलने डुलने से बहुत सारी ऊर्जा पैदा होती है और भविष्य में इसका सही तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. अब कंपनी ऐसे तकनीक पर काम कर रही है जो किसी के चलने या काम करने से पैदा हो रही गर्मी को कहीं जमा कर सके ताकि उसका उपयोग बाद में किया जा सके.

दूसरी खोज के बारे में आईबीएम का कहना है कि स्काइवॉकर और एक्स मेन फिल्मों की तरह अब कंपनी ऐसी तकनीक बना रही है जिससे दिमाग को कंप्यूटर या स्मार्टफोन से जोड़ा जा सकता है. मिसाल के तौर पर आप अगर किसी को फोन करना चाहें, तो आपको केवल उसके बारे में सोचना होगा और फोन अपने आप कनेक्ट हो जाएगा. कंप्यूटर के स्क्रीन को भी आप अपनी सोच से नियंत्रित कर सकेंगे.

Flash-Galerie Deutschland Computermesse CeBIT 2011 in Hannover
तस्वीर: dapd

भविष्य में पासवर्ड की भी जरूरत नहीं होगी क्योंकि आंखों में रेटिना और आवाज से कंप्यूटर आपको पहचान लेगा. एटीएम से अगर आप पैसे निकालना चाहें, तो आपको बस मशीन के सामने खड़ा होना पड़ेगा. आपकी रेटिना को पढ़ कर कंप्यूटर अपने आप आपको पहचान लेता है और आपको पैसे निकालने में आसानी होती है.

तीसरी खोज पर एक बयान में कंपनी ने लिखा, "हूदीनी से लेकर स्काइवॉकर और फिर एक्स मेन, दिमाग को पढ़ना साइंस फिक्शन तक सीमित रह गया है, लेकिन कल्पना के फैंस की मन्नतें पूरी हो सकती हैं." हूदीनी एक मशहूर अमेरिकी जादूगर थे जो लोगों की भीड़ के बीचोंबीच से गायब होने और अपने आप को जंजीरों से छुड़ाने में अव्वल थे. अब माइंड रीडिंग एक आम बात होने वाली है.

आईबीएम ने अपने आविष्कारों में अमीरों को ही नहीं बल्कि समाज के हर स्तर के व्यक्ति को शामिल करने की कोशिश की है. दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं जिनके पास कंप्यूटर और यहां तक कि बिजली की सुविधा नहीं है. लेकिन कंपनी का कहना है कि आने वाले पांच सालों में दुनिया के 80 प्रतिशत लोगों के पास सेलफोन होगा और इससे बहुत सारे लोग वह सब काम कर पाएंगे जो वह इस समय नहीं कर पा रहे.

आईबीएम के 5 इन 5 में पांचवीं खोज आपके ईमेल इनबॉक्स में आपकी पसंद के संदेश लाएगी. बेकार के संदेश अब आपके ईमेल इनबॉक्स को भरेंगे नहीं. इंटरनेट में आपकी पसंदों को मापा जाएगा और उसके मुताबिक आपको संदेश भेजे जाएंगे.

रिपोर्टः एएफपी/मानसी गोपालकृष्णन

संपादनः महेश झा

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