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मैं 113 साल जिऊंगाः दलाई लामा

१६ मार्च २०११

तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा है कि चीन को भारत से लोकतंत्र का पाठ पढ़ना चाहिए. एक ऐसा लोकतंत्र जो अलग अलग जातियों और भाषाओं वाले लोगों के बीच सद्भाव बढ़ाता है. दलाई लामा को अपने 113 साल जीने का भरोसा है.

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तस्वीर: AP

दलाई लामा ने कहा कि भारत में कानून का शासन होने के कारण अलग अलग भाषाओं और जातियों वाले समाज में सद्भाव है. थाईलैंड के एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में दलाई लामा ने कहा, "इस(भारत) देश में लोकतंत्र की जड़ें काफी गहरी हैं और ऐसा इसलिए नहीं है कि ये एक गरीब देश है बल्कि इसललिए क्योंकि यहां पारदर्शिता है". दलाई लामा ने कहा,"चीन में सरकार गोपनीय है." चीन के लोगों को भारत के अनुभव से सीखना चाहिए. दलाई लामा ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया में इस वक्त कानून के शासन, पारदर्शिता, औचित्य और ईमानदारी और मानवीय मूल्यों को सम्मान देने का चलन है.

Dalai Lama Besuch in Deutschland Flash-Galerie
तस्वीर: AP

दलाई लामा ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि वो 113 साल तक जीएंगे, बीजिंग जाएंगे, आजाद तिब्बत देखेंगे और वहां की चुनी हुई सरकार को अपनी राजनीतिक सत्ता सौंप देंगे. दलाई लामा के मुताबिक अब वो अपनी धार्मिक भूमिका पर ध्यान लगाएंगे और 20 या 30 सालों में तिब्बत आजाद हो जाएगा. दलाई लामा ने ये भी कहा, "40 साल पहले ये अनुमान लगाया गया कि मैं 113 साल की उम्र तक जिऊंगा." दलाई लामा ने बताया कि 100 साल पुराने तिब्बती लेखों में उस शख्स का जिक्र है जिसके 113 साल तक जीने की बात कही गई है. और दलाई लामा को वही शख्स माना जाता है जिसका जिक्र इस लेख में हैं. दलाई लामा ने ये भी कहा कि उन्होने सपने में खुद को 113 साल तक जीते देखा है.

दलाई लामा ने कहा, "मुझे हंसी आती है जब चीन सरकार मुझे विभाजनकारी कहती है. मुझे चीन के कट्टरपंथियों पर दया आती है. ये लोग उनके खुद के भविष्य के लिए नुकसानदेह हैं."

दलाई लामा ने इस साल के आखिर तक अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों से रिटायर होने की बात कही है. उन्होने उम्मीद जताई है कि उनकी रिटायर होने की इच्छा को मंत्रियों और सांसदों का समर्थन मिलेगा अगर उन लोगों ने कुछ और कहा तो वो उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे. दलाई लामा ने ये भी कहा, "मेरी स्थिति साफ है, स्वायत्तता. अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमारा समर्थन करता है क्योंकि हम अपने देश की स्वायत्तता के लिए शांतिपूर्ण तरीके से कोशिश कर रहे हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः आभा एम

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